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आज के समय में दिल का दौरा (हार्ट अटैक) एक आम और गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। यह न केवल वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है, बल्कि कम उम्र के लोगों में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके चलते सही समय पर सही उपचार आवश्यक है, लक्षण दिखते ही नोएडा के अच्छे दिल के अस्पताल (Best Heart Hospital in Noida) से संपर्क करें।
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर दिल का दौरा क्यों पड़ता है? इसके पीछे कई कारण छिपे होते हैं, जिन्हें जानकर हम इससे बचाव कर सकते हैं। आइए, इस लेख में हम दिल के दौरे के कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से समझते हैं।
ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.
दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का परिचय (Introduction to Heart Attack)
दिल का दौरा पड़ने के मुख्य कारण (The main Causes of Heart Attack)
आज ही फेलिक्स हॉस्पिटल्स के कार्डियोलॉजिस्ट से मिलें (Meet a Cardiologist at Felix Hospitals today)
दिल का दौरा (Heart attack) एक गंभीर हृदय रोग है, जिसमें हृदय की धमनियों में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। यह तब होता है जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां (कोरोनरी आर्टरीज) अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इससे हृदय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और यह जीवन के लिए घातक भी हो सकता है। आधुनिक जीवनशैली, अनियमित खानपान और बढ़ते तनाव के कारण दिल के दौरे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु का प्रमुख कारण है। हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक के शिकार होते हैं, जिनमें युवा भी शामिल हैं। सही जानकारी और समय पर पास के अस्पताल (Nearby Heart Hospital) में तुरंत जाँच से उपचार लेकर इस समस्या को रोका जा सकता है।
दिल का दौरा जिसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एमआई) भी कहा जाता है। एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है। जिसमें हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति अचानक कम या बंद हो जाती है। यह आमतौर पर हृदय की धमनियों (coronary arteries) में रुकावट के कारण होता है, जिससे हृदय को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली कोरोनरी धमनियां प्लाक (Plaque) के जमाव के कारण संकरी हो सकती हैं। प्लाक में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ होते हैं। जब यह प्लाक फट जाता है, तो वहां पर खून का थक्का बन सकता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है।
जब किसी धमनी में यह अवरोध पूरी तरह से बन जाता है, तो रक्त हृदय की मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाता। ऑक्सीजन की कमी से हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे दिल को गंभीर क्षति हो सकती है।
दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आमतौर पर हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण होता है, जिससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
हृदय की धमनियों में प्लाक (कोलेस्ट्रॉल, वसा और अन्य पदार्थों का जमाव) के कारण रुकावट।
यह दिल के दौरे का सबसे आम कारण है।
हाई बीपी हृदय पर अधिक दबाव डालता है, जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) धमनियों में प्लाक जमने का कारण बनता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
हाई ब्लड शुगर हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक वजन से हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है और हाई बीपी, डायबिटीज़, और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
धूम्रपान (Smoking) से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
अत्यधिक शराब पीने से हाई बीपी और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादा तनाव और चिंता से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
नियमित व्यायाम न करने से मोटापा, हाई बीपी, और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ाती हैं।
अधिक वसा, नमक और शुगर युक्त भोजन से कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और बीपी बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर परिवार में किसी को हृदय रोग रहा हो, तो आपके लिए भी जोखिम अधिक हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय पर इलाज किया जा सके।
सीने के बीचों-बीच या बाईं तरफ भारीपन, जलन, कसाव, या दर्द महसूस होना।
यह दर्द कुछ मिनटों तक रह सकता है या बार-बार आ सकता है।
बिना किसी मेहनत के भी सांस फूलना।
विशेष रूप से आराम करने या लेटने पर सांस लेने में दिक्कत।
शरीर से अचानक ठंडा पसीना निकलना।
बेहोशी या अत्यधिक कमजोरी महसूस होना।
खासकर बाएं हाथ, कंधे, जबड़े या पीठ में दर्द जो धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
कई बार यह दर्द सीने में नहीं होता, सिर्फ पीठ या जबड़े में महसूस हो सकता है।
बेचैनी या घबराहट महसूस होना।
अपच (एसिडिटी जैसी फीलिंग) या उल्टी जैसा लगना।
दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना।
दिल के दौरे से बचाव के लिए सही जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
संतुलित आहार और नियमित व्यायामः
हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, नट्स और फाइबरयुक्त भोजन का सेवन करें।
कम वसा, कम नमक और कम शुगर वाला भोजन लें।
ट्रांस फैट और जंक फूड से बचें।
रोजाना 30-45 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें।
योग, साइकिलिंग, तैराकी या हल्की दौड़ सेहतमंद दिल के लिए फायदेमंद है।
यह हृदय की धमनियों को संकीर्ण करता है और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है।
अत्यधिक शराब से बचें। ज्यादा शराब हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है।
ध्यान (मेडिटेशन), योग, संगीत सुनना और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
पर्याप्त नींद लें। रोज 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना ज़रूरी है, क्योंकि नींद की कमी से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर की जांच समय-समय पर कराते रहें।
यदि कोई समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह लें (Consult a doctor) और समय पर इलाज कराएं।
अगर किसी को दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ता है, तो तुरंत सही कदम उठाना ज़रूरी है। यह जीवन बचा सकता है।
व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करें।
पास के लोगों को सतर्क करें और सहायता लें।
सीधा लेटाएं और सिर को हल्का ऊंचा रखें।
कसे हुए कपड़े (जैसे टाई, बेल्ट) ढीले करें।
घबराहट न फैलाएं और मरीज को शांत रहने के लिए कहें।
अगर मरीज बेहोश हो और सांस न ले रहा हो
मरीज को पीठ के बल लेटा दें।
छाती के बीचों-बीच दोनों हाथों से तेज़ी से और गहराई से दबाव (कमप्रेशन) दें।
प्रति मिनट 100-120 बार छाती दबाएं (हर सेकंड में लगभग 2 बार)।
अगर प्रशिक्षित हैं, तो मुंह से मुंह (रेस्क्यू ब्रीदिंग) भी दें।
एस्पिरिन 300 एमजी ले यह रक्त को पतला करने में मदद करता है और धमनियों को अवरुद्ध होने से रोक सकता है।
नाइट्रोग्लिसरीन ले। डॉक्टर के निर्देश के अनुसार मरीज को यह दवा दी जा सकती है।
अगर मरीज की धड़कन या सांस नहीं चल रही हो, तो सीपीआर लगातार करते रहें।
तुरंत अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करें।
दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का इलाज कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) करते हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल के कार्डिओलॉजिस्ट्स भी अपनी अलग विशेषता रखते है और सभी विशेषज्ञ अलग-अलग प्रकार के उपचार में माहिर हैं: इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एंजियोप्लास्टी (Interventional Cardiologist Doctor Angioplasty), स्टेंटिंग और कैथेटर-आधारित प्रक्रियाएँ करते हैं, जिससे ब्लॉकेज को हटाया जाता है और रक्त प्रवाह बहाल किया जाता है। नॉन-इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर दवाओं, लाइफस्टाइल मैनेजमेंट और प्रारंभिक निदान पर ध्यान देते हैं।
डॉ. राहुल अरोरा
डॉ. वीरेंद्र सिंह
डॉ. निधि टिकमानी
डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फोन करें +91 9667064100.
दिल का दौरा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और समय पर कदम उठाकर इसे रोका जा सकता है। जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार लें। धूम्रपान और शराब से बचें, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें। तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद हृदय स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। इमरजेंसी में सही कदम उठाएं। सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान रखें। दिल से जुडी समस्याओं की उपचार कीमत (Cost of Heart Treatment) के लिए आज ही संपर्क करें और सही समय पर अस्पताल जाएं।
प्रश्न 1. दिल का दौरा क्यों पड़ता है ?
उत्तर: दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय की धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) में रुकावट आ जाती है, जिससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यह रुकावट आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल, वसा और अन्य पदार्थों से बनी प्लाक के कारण होती है।
प्रश्न 2. क्या महिलाएं और पुरुषों में दिल के दौरे के लक्षण अलग होते हैं ?
उत्तर: हां, महिलाओं में लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं। उन्हें अक्सर अपच, थकान, सांस फूलना, पीठ या जबड़े में दर्द जैसे हल्के लक्षण महसूस हो सकते हैं। जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
प्रश्न 3. दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है ?
उत्तर: दिल का दौरा में जब हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाती है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है। कार्डियक अरेस्ट में जब हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है और सांस लेना बंद कर सकता है।
प्रश्न 4. क्या युवा लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है?
उत्तर: हां, यदि वे अस्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, अत्यधिक तनाव में रहते हैं, धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, या उन्हें कोई आनुवंशिक हृदय रोग है, तो युवा लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है।
प्रश्न 5 . क्या दिल के दौरे से उबरने के बाद सामान्य जीवन जिया जा सकता है ?
उत्तरः हां, लेकिन इसके लिए जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें, सही खानपान अपनाएं और नियमित व्यायाम करें।
प्रश्न 6. क्या योग और ध्यान दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं ?
उत्तरः हां, योग और ध्यान तनाव कम करने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को सामान्य रखने में मदद करते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है।