जानें पुरुषों और महिलाओं में गठिया के लक्षणों में अंतर

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गठिया एक सामान्य लेकिन जटिल रोग है, जो शरीर के जोड़ या जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में होती है, लेकिन इसके लक्षण और प्रभाव दोनों के बीच भिन्न हो सकते हैं। गठिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें रूमेटाइड गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट, सोरियाटिक गठिया शामिल हैं अगर आपको भी कभी लगता है की गठिया की परेशानी बन रही है तो आप निकट के रुमेटोलॉजी अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं। यहां हम पुरुषों और महिलाओं में गठिया के लक्षणों के अंतर को विस्तार से समझेंगे और इसका उनके स्वास्थ्य पर क्या असर होता है, इसे भी देखेंगे।


ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.

 

गठिया के सामान्य लक्षण (Common symptoms of arthritis

गठिया के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं, जो पुरुष और महिला दोनों में दिखाई देते हैं:
 

  • जोड़ों में दर्द और सूजन: 

जोड़ों में सूजन के साथ-साथ तेज या धीमा दर्द होना गठिया का प्रमुख लक्षण है।
 

  • जोड़ों में कठोरता: 

खासतौर पर सुबह के समय जोड़ों में कठोरता महसूस होती है, जिससे सामान्य गतिविधियां प्रभावित होती हैं।
 

  • जोड़ों की गतिशीलता में कमी: 

जोड़ मुड़ने या हिलने में समस्या होती है, और व्यक्ति की गतिशीलता में कमी आ जाती है।

 

  • थकान: 

रोग की गंभीरता के साथ शरीर में कमजोरी और थकावट महसूस होती है।


हालांकि, इन सामान्य लक्षणों के बावजूद पुरुषों और महिलाओं में गठिया के प्रकार, लक्षणों की तीव्रता, और शरीर पर इसके प्रभाव अलग-अलग होते हैं।


पुरुषों और महिलाओं में गठिया के लक्षणों के अंतर (Differences in symptoms of arthritis in men and women)

महिलाओं में सामान्य रूप से पाए जाने वाले गठिया के प्रकार:


1. रूमेटाइड गठिया (Rheumatoid Arthritis - RA):

रूमेटाइड गठिया एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द और कठोरता होती है। महिलाओं में यह बीमारी अधिक गंभीर हो सकती है। यह आमतौर पर हाथों, कलाई और पैरों के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है। महिलाओं में यह रोग पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है। महिलाओं में यह बीमारी आमतौर पर 30-60 वर्ष की आयु में शुरू होती है और हार्मोनल बदलाव, जैसे गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान, इसके लक्षण बढ़ सकते हैं।


2. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis - OA):

यह गठिया का एक प्रकार है जो उम्र बढ़ने के साथ अधिक सामान्य होता है और इसमें जोड़ों के कार्टिलेज के धीरे-धीरे क्षय होने से हड्डियों के बीच घर्षण होता है> महिलाओं में विशेष रूप से घुटनों और हाथों में ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा अधिक होता है। हार्मोनल बदलाव (जैसे एस्ट्रोजन का कम होना) इस बीमारी के विकास को प्रभावित कर सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में अधिक तीव्रता से विकसित होता है और मोटापे के कारण जोखिम और बढ़ जाता है।


3. सोरियाटिक गठिया (Psoriatic Arthritis):

यह गठिया त्वचा के रोग सोरायसिस से संबंधित है, जिसमें त्वचा और जोड़ों दोनों में सूजन होती है। महिलाओं में सोरियाटिक गठिया के लक्षण, जैसे त्वचा पर लाल धब्बे, जोड़ों में सूजन और दर्द, अधिक सामान्य होते हैं। सोरायसिस के कारण होने वाला यह गठिया अधिकतर हाथों, कलाई, और घुटनों को प्रभावित करता है।


4. लुपस (Systemic Lupus Erythematosus - SLE):

लुपस एक ऑटोइम्यून रोग है, जो अधिकतर महिलाओं को प्रभावित करता है और इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विभिन्न अंगों और जोड़ों पर हमला करती है। जोड़ों में सूजन और दर्द के साथ-साथ थकान, त्वचा पर चकत्ते, बुखार, और अन्य अंगों में समस्याएं होती हैं। यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक सामान्य होती है।

 

पुरुषों में सामान्य रूप से पाए जाने वाले गठिया के प्रकार
 

1. गाउट (Gout):

गाउट पुरुषों में सबसे सामान्य गठिया प्रकारों में से एक है। यह शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने के कारण होता है, जिससे जोड़ों में क्रिस्टल जमा हो जाते हैं। गाउट का दर्द अचानक और तीव्र होता है, खासतौर पर पैर के अंगूठे में। सूजन, लालिमा और जोड़ों में तीव्र दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं। गाउट पुरुषों में 40-50 वर्ष की उम्र के बाद अधिक आम होता है, और यह उच्च प्रोटीन वाले आहार, शराब सेवन, और मोटापे से संबंधित हो सकता है।
 

2. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis - OA):

यह गठिया का प्रकार पुरुषों में भी होता है, विशेष रूप से बड़े जोड़ों जैसे कूल्हे, घुटने, और रीढ़ की हड्डी पर। पुरुषों में यह समस्या खेल या भारी शारीरिक कार्य के कारण अधिक होती है, जिससे हड्डियों और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। पुरुषों में ऑस्टियोआर्थराइटिस देर से विकसित होता है, लेकिन इसके कारण जोड़ अधिक नुकसान झेल सकते हैं।
 

3. एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis):

यह गठिया की एक विशेष प्रकार की बीमारी है, जो रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है और इसमें रीढ़ की हड्डी के जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। पुरुषों में यह रोग विशेष रूप से 20-30 की उम्र में उभरता है और कमर के निचले हिस्से, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी में कठोरता और दर्द होता है। एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस पुरुषों में अधिक सामान्य है और यह रीढ़ की हड्डी को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
 

4. रिएक्टिव आर्थराइटिस (Reactive Arthritis):

यह गठिया शरीर के संक्रमण (जैसे यूरिनरी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण) के बाद विकसित होता है। जोड़ों में दर्द, सूजन, आंखों में जलन, और मूत्रमार्ग में जलन इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह बीमारी पुरुषों में ज्यादा होती है, और संक्रमण के कुछ हफ्तों बाद इसका असर दिखाई देता है।

 

लक्षणों की तीव्रता में अंतर :  

  • महिलाओं में तीव्रता: 

महिलाएं आमतौर पर अधिक गंभीर लक्षणों का अनुभव करती हैं। उनमें सूजन, दर्द और कठोरता के लक्षण ज़्यादा तीव्र हो सकते हैं, खासकर रूमेटाइड गठिया में। इसके अलावा, महिलाओं में गठिया से थकान और भावनात्मक तनाव भी ज्यादा होता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
 

  • पुरुषों में तीव्रता: 

पुरुषों में ऑस्टियोआर्थराइटिस और गाउट जैसी समस्याएं अधिक होती हैं, लेकिन लक्षणों की तीव्रता अक्सर महिलाओं की तुलना में कम होती है। हालाँकि, जब पुरुषों को गाउट होता है, तो इसका दर्द अचानक और तीव्र हो सकता है।

 

जोड़ों का स्थान और असर : 

  • महिलाओं में असर: 

गठिया का असर महिलाओं के छोटे जोड़ों पर ज़्यादा पड़ता है, जैसे हाथ, उंगलियां, कलाई आदि। यह शरीर के दोनों तरफ एक समान असर डालता है, यानी अगर एक हाथ के जोड़ में दर्द है, तो दूसरे हाथ में भी दर्द हो सकता है।
 

  • पुरुषों में असर: 

पुरुषों में गठिया के लक्षण बड़े जोड़ों पर ज़्यादा दिखाई देते हैं, जैसे घुटने, कूल्हे या पैर। इसके अलावा, पुरुषों में जोड़ों में क्षति धीरे-धीरे होती है, लेकिन अगर लंबे समय तक इलाज न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
 

थकान और मानसिक स्वास्थ्य पर असर : 

  • महिलाएं: 

महिलाओं में गठिया के कारण शारीरिक थकान के साथ-साथ भावनात्मक तनाव भी अधिक होता है। उनमें चिंता, अवसाद और मानसिक थकावट के लक्षण सामान्य होते हैं, जो बीमारी के प्रति उनकी प्रतिक्रिया को और जटिल बना सकते हैं।
 

  • पुरुष

पुरुषों में गठिया के कारण थकान का अनुभव कम होता है, और वे अक्सर अपनी भावनाओं को दबाते हैं। इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य सीधा प्रभावित नहीं होता, लेकिन रोग के गंभीर होने पर उनके शारीरिक कार्यों पर असर पड़ सकता है।


महिलाओं और पुरुषों में गठिया के कारण (Causes of arthritis in women and men)


महिलाओं में गठिया के कारण:
 

  • हार्मोनल परिवर्तन:

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था, और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज), गठिया के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। विशेष रूप से, एस्ट्रोजन का स्तर घटने पर गठिया के लक्षण बढ़ सकते हैं, क्योंकि यह हार्मोन सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। रजोनिवृत्ति के बाद रूमेटाइड गठिया (RA) और ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) का खतरा बढ़ जाता है।
 

  • ऑटोइम्यून रोग:

महिलाओं में ऑटोइम्यून विकारों, जैसे रूमेटाइड गठिया और लुपस का खतरा अधिक होता है। इन विकारों में प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है, जिससे जोड़ों में सूजन, दर्द और नुकसान होता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली की अधिक सक्रियता और हार्मोनल बदलावों के कारण हो सकता है।
 

  • जेनेटिक प्रवृत्ति:

महिलाओं में गठिया के विकास में जेनेटिक (आनुवंशिक) कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर परिवार में किसी को रूमेटाइड गठिया या अन्य ऑटोइम्यून रोग होते हैं, तो महिलाओं में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
 

  • जीवनशैली और शारीरिक गतिविधि:

महिलाओं में जोड़ों पर अधिक दबाव या बार-बार उपयोग करने से ऑस्टियोआर्थराइटिस विकसित हो सकता है। मोटापा, निष्क्रिय जीवनशैली, और खराब पोषण भी गठिया के विकास में योगदान करते हैं, क्योंकि अतिरिक्त वजन जोड़ों पर अधिक दबाव डालता है।
 

  • गर्भावस्था और प्रसव:

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव और शारीरिक तनाव के कारण जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव हो सकता है। गर्भावस्था के बाद कुछ महिलाओं में गठिया के लक्षणों में वृद्धि देखी जाती है। हालांकि, रूमेटाइड गठिया से पीड़ित कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान लक्षणों में अस्थायी सुधार भी देखा जाता है।


पुरुषों में गठिया के कारण:
 

  • शारीरिक तनाव और भारी कार्य:

पुरुषों में गठिया का एक प्रमुख कारण शारीरिक गतिविधि और भारी कार्य है। पुरुषों को अक्सर भारी वजन उठाना, मांसपेशियों पर अधिक जोर डालने वाले काम या खेल खेलना पड़ता है, जिससे जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
 

  • यूरिक एसिड का उच्च स्तर (गाउट):

पुरुषों में गाउट अधिक सामान्य होता है, जिसका प्रमुख कारण शरीर में यूरिक एसिड का अत्यधिक उत्पादन है। यूरिक एसिड की उच्च मात्रा से जोड़ों में क्रिस्टल जमा होते हैं, जिससे दर्द, सूजन और अकड़न होती है। गाउट का खतरा शराब, उच्च प्रोटीन वाले आहार, और उच्च फ्रुक्टोज युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बढ़ जाता है।
 

  • हार्मोनल कारक:

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर गठिया को प्रभावित कर सकता है। कम टेस्टोस्टेरोन स्तर से सूजन बढ़ सकती है और गठिया का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, हार्मोनल प्रभाव महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कम दिखाई देता है।
 

  • आनुवंशिक कारक:

पुरुषों में भी गठिया के विकास में जेनेटिक कारक भूमिका निभाते हैं। यदि परिवार में किसी को गाउट या ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे गठिया रोग होते हैं, तो पुरुषों में इसका जोखिम बढ़ सकता है।


महिलाओं और पुरुषों में गठिया का इलाज (Treatment of arthritis in women and men)


महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए सामान्य दवाइयां:
 

  • गैर-स्टेरायडल सूजन-रोधी दवाइयां (NSAIDs):

यह दवाइयाँ दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होती हैं। इबुप्रोफेन और नैप्रोक्सेन जैसी NSAIDs दवाइयाँ गठिया के लक्षणों को कम करती हैं।
 

  • कोर्टिकोस्टेरॉयड्स:

यह दवाइयां सूजन को तेजी से कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं। इन्हें मौखिक रूप से या सीधे प्रभावित जोड़ में इंजेक्शन के रूप में दिया जा सकता है।
 

  • डिजीज-मॉडिफाइंग एंटी-रह्यूमैटिक ड्रग्स (DMARDs):

रूमेटाइड गठिया (RA) और ऑटोइम्यून प्रकार के गठिया के लिए DMARDs, जैसे मेथोट्रेक्सेट या लेफ्लुनोमाइड, उपयोग किए जाते हैं। यह दवाइयाँ प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करके गठिया की प्रगति को धीमा करती हैं।
 

  • बायोलॉजिक्स:

यह अधिक आधुनिक दवाइयां होती हैं, जिन्हें तब उपयोग किया जाता है जब DMARDs प्रभावी नहीं होते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली के उन घटकों को लक्षित करती हैं, जो सूजन और दर्द को बढ़ाते हैं, जैसे TNF-अवरोधक (एटानेरसेप्ट, एडालिमुमैब)।


महिलाओं में विशेष ध्यान:
 

  • हार्मोनल उपचार:

कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद गठिया के लक्षण बिगड़ सकते हैं। इस स्थिति में, डॉक्टर हार्मोनल उपचार (HRT) की सिफारिश कर सकते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन की कमी को पूरा कर सकता है और जोड़ों की स्थिति को बेहतर बना सकता है।


पुरुषों में विशेष ध्यान:
 

  • गाउट के लिए दवाइयां:

पुरुषों में गाउट अधिक सामान्य होता है, इसलिए ऑलोप्यूरिनॉल या फेबक्सोस्टैट जैसी दवाइयाँ यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दी जा सकती हैं, जो गाउट के इलाज में उपयोगी होती हैं।


शल्य चिकित्सा (Surgery)
 

  • जोड़ प्रतिस्थापन सर्जरी (Joint Replacement Surgery):

जब जोड़ पूरी तरह से खराब हो जाते हैं, तो डॉक्टर घुटने या कूल्हे का प्रतिस्थापन सर्जरी कर सकते हैं। यह सर्जरी घिसे हुए जोड़ को हटाकर कृत्रिम जोड़ लगाने का कार्य करती है।
 

  • आर्थ्रोस्कोपी:

आर्थ्रोस्कोपी एक प्रकार की शल्य चिकित्सा है जिसमें डॉक्टर छोटे छिद्रों के माध्यम से क्षतिग्रस्त जोड़ को ठीक करते हैं। यह सर्जरी अक्सर कम दर्दनाक होती है और रिकवरी जल्दी होती है।

 

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निष्कर्ष (Conclusion)


गठिया के लक्षणों में पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर स्पष्ट है। जहां महिलाओं में रोग तेजी से फैल सकता है और छोटे जोड़ों पर असर करता है, वहीं पुरुषों में बड़े जोड़ों पर इसका प्रभाव ज्यादा दिखता है। इसके साथ ही, महिलाओं में हार्मोनल प्रभाव और थकावट अधिक होती है, जबकि पुरुष शारीरिक थकान और दर्द को सहन करने की प्रवृत्ति दिखाते हैं। दोनों के लिए गठिया का समय पर और सही तरीके से इलाज करना महत्वपूर्ण है ताकि उनकी जीवन गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके। गठिया का प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन सही देखभाल, संतुलित आहार, व्यायाम, और मानसिक संतुलन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

 

महिलाओं और पुरुषों में गठिया के लक्षण को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब (Frequently asked questions and answers about arthritis symptoms in women and men)

 

प्रश्न 1: गठिया के लक्षण क्या होते हैं, और क्या पुरुषों और महिलाओं में यह अलग-अलग होते हैं?
उत्तर: गठिया के सामान्य लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, कठोरता, और लालिमा शामिल होते हैं। जबकि लक्षण पुरुषों और महिलाओं दोनों में समान हो सकते हैं, महिलाओं में गठिया के लक्षण अक्सर अधिक तीव्र होते हैं, विशेषकर रूमेटाइड गठिया में। पुरुषों में ऑस्टियोआर्थराइटिस और गाउट जैसे गठिया के प्रकार अधिक देखे जाते हैं, जो सामान्यतः पैर और उंगलियों में दर्द का कारण बनते हैं।


प्रश्न 2:  महिलाओं में गठिया कब अधिक गंभीर हो सकता है ?
उत्तर: महिलाओं में गठिया के लक्षण रजोनिवृत्ति के दौरान या बाद में अधिक गंभीर हो सकते हैं। एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाने के कारण जोड़ों की रक्षा कमजोर हो जाती है, जिससे गठिया की समस्या बढ़ सकती है।


प्रश्न 3: क्या पुरुषों में गाउट अधिक होता है, और इसके लक्षण क्या हैं ?
उत्तर: हां, पुरुषों में गाउट का जोखिम अधिक होता है। गाउट के लक्षणों में अचानक होने वाला तीव्र दर्द, जोड़ों में सूजन, और जोड़ के आस-पास लालिमा शामिल हैं। यह आमतौर पर बड़े पैर के अंगूठे पर सबसे पहले दिखाई देता है।


प्रश्न 4: क्या गठिया के लक्षण महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के दौरान बदलते हैं ? 
उत्तर: हां, कुछ महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के दौरान गठिया के लक्षणों में परिवर्तन देखा जा सकता है। हार्मोनल बदलाव, विशेषकर एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव, जोड़ों में सूजन और दर्द को बढ़ा सकते हैं।


प्रश्न 5: क्या गठिया का असर पुरुषों के जोड़ों पर महिलाओं की तुलना में कम होता है ?
उत्तर: गठिया का असर पुरुषों और महिलाओं दोनों में होता है, लेकिन पुरुषों में आमतौर पर हड्डियाँ महिलाओं की तुलना में अधिक मजबूत होती हैं, इसलिए कुछ प्रकार के गठिया, जैसे रूमेटाइड गठिया, महिलाओं में अधिक गंभीर हो सकते हैं। इसके अलावा, पुरुषों में गठिया का निदान अक्सर देर से होता है, क्योंकि वे आमतौर पर शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं।

 
प्रश्न 6: क्या गठिया महिलाओं में अधिक बार निदान होता है ?
उत्तर:  हां, कुछ प्रकार के गठिया, जैसे रूमेटाइड गठिया और ल्यूपस, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक बार निदान होते हैं। इसके पीछे हार्मोनल और आनुवंशिक कारण हो सकते हैं।
 

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