टीबी क्या है ? कारण, लक्षण और रोकथाम

टीबी (तपेदिक) एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह शरीर के अन्य हिस्सों में होती है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बैक्टीरिया हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है जिसके लिए आपको समय से पास के अच्छे हॉस्पिटल (best hospital Nearby) में दिखाना आवश्यक है। इसके कारण, लक्षणों को पहचानकर और सही समय पर रोकथाम के उपाय अपनाकर हम टीबी से बच सकते हैं। जागरूकता और सतर्कता बीमारी से लड़ने की सबसे बड़ी ताकत है।


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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers)


टीबी (तपेदिक) क्या है ? What is TB (Tuberculosis)?

टीबी जिसे हिन्दी में तपेदिक कहते हैं। एक संक्रामक बीमारी होती है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। मगर यह शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी, मस्तिष्क, हड्डियों को भी प्रभावित करने की क्षमता रखती है। यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से होती है। टीबी से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता, छींकता या बात करता है, तो उसके बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं। यही बैक्टीरियां दूसरों को संक्रमित करते हैं।


टीबी के प्रकार (Types of TB)

  • फेफड़ों की टीबीः
    यह टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों में होती है। यह सबसे अधिक संक्रामक होती है। इससे फैलने वाले बैक्टीरिया हवा में आसानी से फैलते हैं।
     
  • फेफड़ों के बाहर की टीबी 
    यह टीबी फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करती है। इससे लिम्फ नोड्स(Lymph nodes), हड्डियां, गुर्दा, मस्तिष्क प्रभावित होते हैं। यह कम संक्रामक होता है, मगर गंभीर समस्या उत्पन्न करने की क्षमता रखता है।
     
  • मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी (एमडीआर-टीबी)
    जब टीबी के बैक्टीरिया एंटी टीबी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी होते हैं। तो इसे मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी कहते हैं। इसका इलाज सामान्य टीबी से अधिक कठिन और लंबा होता है। इलाज में लंबा वक्त लगता है।


 

  • एक्सटेंसिवली ड्रग रेसिस्टेंट टीबी (एक्सडीआर-टीबी)
    यह एमडीआर टीबी की तुलना में अधिक गंभीर होती है। इसमें बैक्टीरिया कई तरह की एंटीटीबी दवाओं के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी होने लगते हैं। इससे इलाज में बहुत परेशानी होती है।


टीबी के कारण (Causes of TB)

  • टीबी का कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया का संक्रमण होता है। यह बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करके फेफड़ों या अन्य अंगों में संक्रमित करता है।
  • टीबी संक्रमित व्यक्ति जब खांसता, छींकता या बात करता है, तो उसके मुंह और नाक से छोटे-छोटे बैक्टीरिया वाले कण हवा में फैलते हैं। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इन्हें सांस के जरिए अंदर लेता है, तो उसे भी टीबी हो जाती है।
  • कुछ लोग टीबी के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिनमें कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (जैसे एचआईवी संक्रमित लोग), कुपोषण और कमजोर स्वास्थ्य वाले लोग, धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले, लोग भीड़-भाड़ वाले और अस्वच्छ वातावरण में रहने वाले लोग, पुराने या लंबी अवधि से चल रहे स्वास्थ्य रोगी शामिल हैं।

 

टीबी के लक्षण (Symptoms of TB)

 

टीबी के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य सर्दी-जुकाम या फेफड़ों की अन्य बीमारियों जैसे लगते हैं। इसलिए इकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।

 

  • लगातार 2 से 3 सप्ताह से अधिक खांसी
  • खांसी(Cough) के साथ कभी-कभी खून आना
  • बुखार शाम को बढ़ता है 
  • रात में पसीना आता है
  • वजन में कमी होती है 
  • भूख का कम लगना
  • लगातार थकान 
  • कमजोरी महसूस होना
  • सीने में दर्द 
  • सांस लेने में तकलीफ होना

 

टीबी की रोकथाम (Prevention of TB)


टीबी एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर इसे आसानी से रोके सकते हैं। यहां टीबी से बचाव के लिए महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:

 

  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें यानी टीबी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से बचें। खासकर जब वह खांस रहे हों या छींक रहे हों
  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें यानी रूमाल, टिशू या कोहनी के अंदर से मुंह और नाक को जरूर ढकें ताकि बैक्टीरिया हवा में न फैल पाएं।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें यानी मास्क पहनना संक्रमण के जोखिम को कम करता है, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर पहने।
  • टीकाकरण यानी बच्चों को बीसीजी टीका लगवाना जरूरी है, जो टीबी से बचाव में मदद करता है।
  • स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक आहार लें यानी मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए संतुलित भोजन, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद आवश्यक है।
  • सही समय पर जांच और इलाज शुरू करें यानी यदि टीबी के लक्षण दिखें तो तुरंत नोएडा के अच्छे हॉस्पिटल से संपर्क करें (best hospital in Noida) और जांच कराकर इलाज प्रारंभ करें।

 

टीबी का इलाज (TB treatment)


टीबी का इलाज सही और पूरी अवधि तक दवाइयां लेने से ही संभव होता है।

 

  • दवाइयांः
    प्रारंभिक फेज़ इंटेंसिव फेज यानी यह चरण लगभग दो महीने तक चलता है, जिसमें चार एंटीटीबी दवाएं दी जाती हैंआइसोनियाजिड, रिफ़ैम्पिसिन, पाइराज़िनामाइड, एथैम्बुटोल आदि। जबकि सुधार फेज़ (कंटीन्यूएशन फेज) यानी  इसके बाद लगभग 4 महीने तक 2 दवाएं ली जाती हैं। जिनमें आइसोनियाजिड व रिफैम्पिसिन शामिल है।


 

  • दवाओं का सही सेवनः
    टीबी के इलाज में दवाओं को डॉक्टर के निर्देशानुसार नियमित और पूरे कोर्स के दौरान लेना आवश्यक होता है। अधूरा इलाज बीमारी को बढ़ाता है। दवाओं के प्रति प्रतिरोध पैदा कर सकता है।

 

एमडीआर टीबी और एक्सडीआर टीबी का इलाजः

जब टीबी के बैक्टीरिया सामान्य दवाओं के प्रति प्रतिरोधी होते हैं। तब मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) या एक्सटेंसिवली ड्रग रेसिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी होता है। इनका इलाज विशेष प्रकार की दवाइयों और लंबे समय तक किया जाता है, जिसकी देखरेख नोएडा के पल्मोनोलॉजी विशेषज्ञ (best pulmonologist in Noida) अच्छे से करते हैं। इसलिए समय पर इलाज जरूरी होता है।

 

  • नियमित जांचः
    इलाज के दौरान रोग की प्रगति का पता लगाने के लिए नियमित थूक टेस्ट और एक्सरे आवश्यक होता है। इससे यह पता चलता है कि इलाज सही दिशा में चल रहा है।

 

  • सहायक उपायः
    पौष्टिक आहार यानी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें। पर्याप्त आराम यानी पूरी नींद और आराम से शरीर ठीक होने में मदद मिलती है। अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज यानी यदि कोई अन्य बीमारियां हैं, तो उनका भी समय पर

 

  • उपचार आवश्यक है।
    समय पर जांच बेहद आवश्यक है। आज ही फेलिक्स हॉस्पिटल्स में संपर्क करें और आज ही अपना अपॉइंटमेंट बुक करें

 

निष्कर्ष (Conclusion)

टीबी एक गंभीर लेकिन पूरी तरह से इलाज योग्य बीमारी है। अगर समय पर इसके लक्षणों को पहचान निदान के साथ इलाज शुरू किया जाए तो नियंत्रित हो  सकती है। टीबी से लड़ने के लिए जागरूकता और सतर्कता आवश्यक है। सही जानकारी सुरक्षित व्यवहार और अच्छी कीमत (best Cost) में नियमित जांच से इस बीमारी को समाज से खत्म कर सकते हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। संदेह होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। टीबी के खिलाफ जागरूकता फैलाएं।


अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers)

 

प्रश्न 1. टीबी कैसे फैलती है ?

उत्तर: टीबी संक्रमित व्यक्ति जब खांसता, छींकता या बोलता है, तो उसके मुंह से बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं। सांस के माध्यम से ये बैक्टीरिया स्वस्थ व्यक्ति में प्रवेश करते हैं।

 

प्रश्न 2. टीबी का इलाज कैसे होता है ?
उत्तर: टीबी का इलाज दवाइयों से किया जाता है। प्रारंभिक दो महीने में चार दवाएं और उसके बाद चार महीने तक दी दवाएं दी जाती हैं। दवाइयां नियमित और पूरी अवधि तक लेनी जरूरी हैं। एमडीआर-टीबी और एक्सडीआर टीबी के लिए विशेष इलाज होता है।

 

प्रश्न 3. क्या टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है ?
उत्तर: समय पर निदान और सही इलाज से टीबी पूरी तरह ठीक हो सकती है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत जांच के बाद इलाज शुरू करना चाहिए।

 

प्रश्न 4. टीबी से बचाव के लिए क्या करें?
उत्तरः संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना चाहिए। खांसते या छींकते समय मुंह-नाक ढकना चाहिए। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए। बच्चों को बीसीजी टीकाकरण कराना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहिए।

 

प्रश्न 5. क्या टीबी से कोई खास उम्र या समूह ज्यादा प्रभावित होता है?
उत्तर: कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, बच्चे, बुजुर्ग और एचआईवी संक्रमित(HIV infected) व्यक्ति अधिक जोखिम में होते हैं। इसलिए कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाली को सावधानी बरतनी चाहिए।

 

प्रश्न 6. क्या टीबी के लिए कोई वैक्सीन है?
उत्तर: बीसीजी वैक्सीन बच्चों में टीबी से बचाव के लिए दी जाती है। डॉक्टरों की सलाह पर बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जा सकती है।

 

प्रश्न 7. क्या टीबी संक्रामक होने के बाद हमेशा बीमारी होती है?
उत्तर:  कुछ लोगों में बैक्टीरिया शरीर में छुपा रह जाता है जिसे अव्यक्त टीबी कहते हैं। जो सक्रिय टीबी में तब्दील नहीं होता अगर उनकी प्रतिरक्षा मजबूत हो।
 

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