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एवैस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) एक गंभीर रोग है। इसमें हड्डियों को खून पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है। जिस कारण हड्डी के टिशू खराब होने लगते हैं। फिर धीरे-धीरे वह हड्डी कमजोर होकर गल जाती है। ज्यादातर यह समस्या कूल्हे की हड्डी में होती है। मगर घुटने, कंधे और टखने की हड्डियों में भी होती है इसके लिए ज़रूरी है की आप समय रहते नोएडा में सर्वश्रेष्ठ आर्थोपेडिक अस्पताल(Best Orthopedic Hospitals in Noida) से संपर्क करना ज़रूरी है। इस ब्लॉग में हम एवीएन के कारण, लक्षण, निदान के बारे में चर्चा करेंगे।
ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.
एवैस्कुलर नेक्रोसिस नेक्रोसिस क्या है ? (What is Avascular Necrosis?)
एवैस्कुलर नेक्रोसिस के प्रमुख कारण (Major Causes of Avascular Necrosis)
एवैस्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण (Symptoms of Avascular Necrosis)
एवैस्कुलर नेक्रोसिस का निदान (Diagnosis of Avascular Necrosis)
एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज (Treatment of Avascular Necrosis)
जीवनशैली में बदलाव और रोकथाम (Lifestyle Changes and Prevention)
एवैस्कुलर नेक्रोसिस का मतलब है हड्डी में रक्त का प्रवाह रुकना। जिस कारण हड्डी के ऊतक मर जाते हैं। यह स्थिति समय के साथ गंभीर होती है। हड्डी के क्षय (degeneration) का कारण बनती है। कूल्हे की हड्डी विशेष तौर पर फेमोरल हेड को रक्त आपूर्ति करने वाली नसें अगर किसी कारण से संकुचित या अवरुद्ध हो जाएं। तो वहां की हड्डी के कोशिकाएं मर जाती हैं। जैसे-जैसे रक्त आपूर्ति बंद रहती है। फेमोरल हेड की हड्डी कमजोर और भुरभुरी होने लगती है।
इस कारण वह आकार में बदलने लगती है। साथ ही ऊपर की चिकनी सतह खराब होने लगती है। इस कारण ही कूल्हे के जोड़ में दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत के अलावा जाम जैसा महसूस होता है। शुरुआत में दर्द केवल चलने से होता, मगर बाद में आराम करने पर भी बना रहता है। अगर समय पर इलाज न हो फेमोरल हेड ढह सकता है। जिससे कूल्हे का पूरा जोड़ प्रभावित होता है। यी स्थिति बात में कूल्हे का प्रतिस्थापन का कारण बनती है।
एवैस्कुलर नेक्रोसिस के प्रमुख कारण वह हैं जो हड्डी तक रक्त की आपूर्ति को रोकते हैं। एवीएम के मुख्य कारण निम्न है:
एवीएन तब होता है जब हड्डी में रक्त प्रवाह रुकता है। जिस कारण हड्डी के ऊतक मर जाते हैं।
दवाओं में प्रयुक्त कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स का अधिक समय सेवन हड्डियों की रक्त आपूर्ति को प्रभावित करकता है। यह एवीएन का आम कारण है।
लम्बे समय तक बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने से फैटी सब्सटेंसेस हड्डियों में जम सकते हैं, जो रक्त प्रवाह को बाधित करते हैं।
कूल्हे या अन्य जोड़ों में फ्रैक्चर, डिस्लोकेशन से नस या रक्त वाहिनियों को नुकसान होता है। जिस कारण हड्डी तक रक्त नहीं पहुंच पाता है।
सिकल सेल एनीमिया, लुपस, गौचर डिज़ीज़, एचआईवी एड्स, थैलेसीमिया में रक्त कोशिकाएं या रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती है। इस कारण भी एवीए होता है।
कैंसर के इलाज(Cancer Treatment) में प्रयोग होने वाली थेरेपी हड्डी की रक्त आपूर्ति को कमजोर करती हैं। इस कारण भी एवीएन होता है।
कुछ मामलों में एवीएन का कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चलता है। इसे अज्ञातहेतुक एवीएन कहा जाता है।
कूल्हे, जांघ, कमर में दर्द दर्द धीरे-धीरे शुरू होता है। फिर समय के साथ बढ़ जाता है।
शुरू में केवल व्यायाम और वजन उठाने से दर्द होने लगता है। मगर बाद में आराम करने पर भी दर्द होता है।
चलने-फिरने में परेशानी यानी मरीज को लंगड़ाकर चलना पड़ता है। इस कारण सीढ़ियां चढ़ना, बैठने से उठनाऔर ज्यादा देर खड़े रहने में परेशानी होती है।
शुरुआती में दर्द हल्का होता है। मगर जैसे-जैसे हड्डी को नुकसान पहुंचता है। दर्द भी तेज हो जात है।
एवीएन के अंतिम चरण में हड्डी ढहने लगती है। जिस कारण कूल्हे का जोड़ बिगड़ जाता है।
एक्स-रे और एमआरआई(MRI) में हड्डी का फ्लैटनिंग और आकार का असामान्य परिवर्तन दिखता है।
हड्डी और जोड़ की सतह के खराब होने से जोड़ जाम होने लगता है। गति की सीमा घटने लगती है।
एवीएन का सही और समय पर निदान जरूरी होता है। जिससे कि इलाज जल्दी शुरू हो सके। साथ ही हड्डी को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। निम्नलिखित जांचें इस रोग की पहचान में मददगार हैं:
प्रारंभिक अवस्था में सामान्य दिख सकता है। मगर रोग के बढ़ने पर हड्डी के आकार में बदलाव दिखता है। फ्लैटनिंग और जॉइंट स्पेस कम होता दिखाई देता है।
सबसे विश्वसनीय और संवेदनशील तरीका होता है जांच के लिए। प्रारंभिक अवस्था में भी एवीएन का पता लगा जाता है। जब एक्स-रे सामान्य होता है। साथ ही हड्डी में रक्त प्रवाह की कमी और ऊतक की क्षति को भी सटीक स्थिति में दर्शाता है।
हड्डी की संरचना में सूक्ष्म बदलाव को सही तरीक से दर्शाता है। विशेष रूप से जटिल मामलों में सही होता है।
एवीएन के संभावित कारणों की पहचान के लिए किया जाता है, जैसे: स्टेरॉइड(Steroid) का अधिक प्रयोग, अल्कोहल का अत्यधिक सेवन, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, ल्यूपस जैसी बीमारियां या संक्रमण या सूजन की स्थिति का पता लगाने में भी सहायक होता है।
एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज इसके रोग की अवस्था (स्टेज) पर निर्भर रहता है जो निम्न है।
हड्डी को क्षय (degeneration) से बचाना और लक्षणों को नियंत्रित करना चाहिए।
जैसे: एनएसएआईडी (NSAIDs) —इबुप्रोफेन, नैप्रोक्सन आदि दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
मांसपेशियों को मजबूत बनाने और जोड़ों की गतिशीलता बनाए रखने में सहायक होता। डॉक्टर की सलाह पर फिजियोथेरेपी(Physiotherapy) करानी चाहिए।
वॉकर, स्टिक आदि से दबाव कम करने में मदद मिलती है। डॉक्टर की सलाह पर सहायक उपकरण का उपयोग कराना चाहिए।
शराब और धूम्रपान से परहेज़ करें
वजन नियंत्रित रखना चाहिए
स्टेरॉइड का सीमित प्रयोग (यदि आवश्यक हो) तो करना चाहिए
लक्ष्य: हड्डी की संरचना को सुधारना या बदलना करना चाहिए
इसमें हड्डी के अंदर दबाव कम करने के लिए छेद किया जाता है। जिससे रक्त प्रवाह सुधर सके।
इसमें क्षतिग्रस्त हिस्से को स्वस्थ हड्डी से बदल जाता है।
इसमें हड्डी पूरी तरह से नष्ट हो गई हो, तो कृत्रिम जोड़ लगाया जाता है।
शराब और तंबाकू का सेवन हड्डियों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है। इस कारण इससे दूरी बनाना जरूरी है।
स्टेरॉइड्स का बिना सलाह के लंबे समय तक सेवन हड्डियों को कमजोर करता है। इसलिए इसका उपयोग डॉक्टर की निगरानी में आवश्यकता अनुसार करना चाहिए।
अतिरिक्त वजन जोड़ों और हड्डियों पर दबाव डालता है। जिस कारण समस्या बढ़ती हैं। इसलिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रखना चाहिए।
नियमित व्यायाम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत रखता है। साथ ही सावधानी से काम करने से चोट की संभावना कम रहती है। योग, तैराकी, सैर और स्ट्रेचिंग फिट रहने का बेहतर तरीका है।
एवीएन के इलाज के लिए कई प्रकार के विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन मुख्य रूप ऑर्थोपेडिक सर्जन होते हैं जो डॉक्टर एवीएन की जांच, इलाज और सर्जरी (जैसे हिप रिप्लेसमेंट, कोर डीकम्प्रेशन) करते हैं। यह विशेष रूप से संयुक्त प्रतिस्थापन विशेषज्ञ इस क्षेत्र में माहिर होते हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल्स में हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलें डॉ. पीयूष कुमार सिंह जिन्हे 14 वर्षों का अनुभव है वह जटिल फ्रैक्चर और ऑर्थोपेडिक ट्रॉमा के विशेषज्ञ हैं। यदि एवीएन किसी ऑटोइम्यून रोग (जैसे ल्यूपस) या ब्लड डिसऑर्डर की वजह से हुआ है, तोरियूमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर उसकी पहचान और दवाइयों का प्रबंधन करते हैं।
डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फोन करें +91 9667064100.
एवीएन एक गंभीर स्थिति हो सकती है। मगर इसका समय पर निदान और इलाज हो जाए तो इसे नियंत्रित कर सकते हैं। इसलिए जोड़ों में लगातार दर्द, चलने में तकलीफ या जकड़न जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अगर आपको कोई भी संदेह हो तो डॉक्टर से परामर्श लें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। साथ ही नियमित व्यायाम करें। संतुलित आहार का सेवन करें और हड्डियों के स्वास्थ्य के प्रति हमसे सतर्क रहे।
प्रश्न 1. एवीएन क्या है और यह कूल्हे की हड्डी को किस तरह प्रभावित करता है?
उत्तर: एवीएन एक ऐसी स्थिति है। जिसके कारण हड्डी खासकर कूल्हे की हड्डी में रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। इस कारण हड्डी को पोषण नहीं मिलता और वह धीरे-धीरे गलने लगती है।
प्रश्न 2. एवीएन के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर: लंबे समय तक स्टेरॉइड का उपयोग। अत्यधिक शराब सेवन। सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, या अन्य रक्त विकार। हड्डी में चोट या फ्रैक्चर इसके मुख्य कारण है।
प्रश्न 3. एवीएन का इलाज दवाइयों से हो जात है या सर्जरी जरूरी होती है?
उत्तर: शुरुआती अवस्था में दवा, फिजियोथेरेपी और लाइफस्टाइल बदलाव से सुधार होता है। मगर एडवांस अवस्था में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4. क्या एवीएन से कूल्हे का पूरा जोड़ बदलना पड़ता है?
उत्तर: अगर बीमारी बहुत बढ़ चजाती है। साथ ही हड्डी नष्ट हो चुकी हो, तो हिप रिप्लेसमेंट करना होता है।
प्रश्न 5. क्या एवीएन पूरी तरह ठीक हो सकता है?
उत्तर: शुरूआती अवस्था में अगर समय पर इलाज हो जाए, तो हड्डी बच सकती है। मगर एडवांस अवस्था में हड्डी को पूरी तरह पुनः स्वस्थ करना मुश्किल होता है। पिर जोड़ बदलने की सर्जरी ही समाधान होता है।
प्रश्न 6. क्या एवीएन दूसरी हड्डियों में भी हो सकता है?
उत्तर: हां यह बीमारी केवल कूल्हे तक सीमित नहीं है। यह घुटने, कंधे, टखने, जबड़ा आदि की हड्डियों में हो सकता है। मगर कूल्हा सबसे सामान्य जगह है।
प्रश्न 7. एवीएन से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर: अनावश्यक स्टेरॉइड का सेवन न करें। शराब का सीमित या पूर्ण त्याग करें। चोट लगने पर तुरंत इलाज कराएं। यदि किसी को रक्त विकार है, तो नियमित जांच कराएं। हड्डियों की मजबूती के लिए संतुलित आहार और व्यायाम करें