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मीनोपॉज महिलाओं में होता है। इसे प्सही देखभाल के अलावा जीवनशैली में बदलवा करके नियंत्रित कर सकते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार के अलावा मानसिक रूप से सकारात्मक रहते हुए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर महिलाएं खुशहाल जीवन जी सकती हैं। इस ब्लॉग में हम मीनोपॉज के कारण, लक्षण और रोकथाम के बारे में जानेंगे। यदि आपको मीनोपॉज से जुड़ी कोई समस्या हो रही है, तो पास के स्त्री रोग अस्पताल (the best gynecology hospital near me) से संपर्क करना एक सही विकल्प हो सकता है।
ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.
मेनोपॉज एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है। जिसमें एक महिला के मासिक धर्म चक्र के अंत को दर्शाती है। इसका निदान तब किया जाता है। जब लगातार 12 महीनों तक मासिक धर्म नहीं होता है। आमतौर पर यह 40 के अंत या 50 की शुरुआत में होता है। मेनोपॉज उम्र बढ़ने का एक प्राकृतिक तत्व होने के बावजूद यह शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन ला सकता है जो रोजमर्रा की जिंदगी को बाधित कर सकता है।
पेरीमीनोपॉज मीनोपॉज से पहले का चरण होता है। जिस दौरान मासिक धर्म अनियमित होता है। इस दौरान हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। मीनोपॉज तब होता है कि जब लगातार 12 महीनों तक मासिक धर्म नहीं आता है। पोस्टमीनोपॉज वह अवस्था होती है। जब मीनोपॉज के बाद शरीर नए हार्मोनल संतुलन के साथ जीवन जीना सीखता है।
मीनोपॉज मुख्य रूप से हार्मोनल परिवर्तनों से होता है। कुछ प्रकार निम्न हैं:
अगर मीनोपॉज के लक्षण जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं, तो अच्छे स्त्रीरोग विशेषज्ञ या गयनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी है। इन स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करें:
मीनोपॉज को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। मगर जीवनशैली बदलाव कर कम करने में मदद मिलती हैं।
कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार यानी की दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम का सेवन करें। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ (दालें, अंडे, मछली) शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड और अधिक चीनी के सेवन से बचना चाहिए।
वेट-बेयरिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग व्यायाम (योग, वॉकिंग, साइकलिंग) करना चाहिए। हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
ध्यान (मेडिटेशन) और योग से तनाव कम होता है। पर्याप्त नींद लेने और सोने का नियमित समय तय करें। जिससे आराम मिले।
अच्छे अस्पताल से परामर्श लेकर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) पर विचार करना चाहिए। प्राकृतिक सप्लीमेंट्स, जैसे सोया प्रोडक्ट्स, लेने से भी लक्षण कम किए जा सकते हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें, क्योंकि ये मीनोपॉज के लक्षणों को बढ़ाते हैं।
बोन डेंसिटी टेस्ट, ब्लड टेस्ट और अन्य स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना चाहिए। हार्मोनल बदलावों की निगरानी के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
मीनोपॉज का कोई स्थायी इलाज नहीं है। मगर सके लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं जो निम्न है
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन सप्लीमेंट देते हैं। हॉट फ्लैश, रात में पसीना, योनि शुष्कता और हड्डियों की कमजोरी में मदद करता है। लेकुछ महिलाओं में आचआरटी का दीर्घकालिक उपयोग स्तन कैंसर या हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।
एसएसआरआई दवा हॉट फ्लैश और मूड स्विंग को नियंत्रित करने के लिए दी जाती हैं। गैबापेंटिन नींद और हॉट फ्लैश में मदद करती है। बिसफॉस्फोनेट्स दवा हड्डियों को मजबूत करने के लिए दी जाती है।
योग, ध्यान, और एक्सरसाइज करने से लक्षण कम होता हैं। कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार दूध, दही, पत्तेदार सब्जियां का सेवन करना चाहिए। फाइटोएस्ट्रोजेन यानी सोया उत्पाद, अलसी, तिल को आहार में शामिल करना चाहिए।
अगर मीनोपॉज से संबंधित समस्याएं गंभीर हैं तो सर्जरी का विकल्प अपनाया जा सकता है।
मीनोपॉज के दौरान और बाद में लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए विभिन्न प्रकार की थेरेपी है। सही देखभाल से जीवन की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं…
अगर किसी महिला को मीनोपॉज से संबंधित सर्जरी (जैसे हिस्टेरेक्टॉमी या ओओफोरेक्टॉमी) करानी पड़ी हो, तो बाद की देखभाल आवश्यक होती है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दर्द निवारक दवाएं लें। टांकों की साफ-सफाई बनाए रखें और किसी भी असामान्य लक्षण (सूजन, लालिमा, तेज दर्द) पर डॉक्टर से संपर्क करें। धीरे-धीरे हल्की गतिविधियां शुरू करें और भारी काम करने से बचें। यदि अंडाशय हटाए गए हों, तो हार्मोनल सप्लीमेंट या प्राकृतिक हार्मोन-बूस्टिंग आहार का सेवन करें।
मीनोपॉज के बाद हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती बनाए रखने के लिए फिजियोथेरेपी सहायक हो सकती है: मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाए रखने के लिए उपयोगी होती है। हड्डियों की मजबूती के लिए वॉकिंग, डांसिंग, और हल्के वजन उठाने वाले व्यायाम फायदेमंद हैं। यूरिन नियंत्रण में मदद करता है और योनि की मांसपेशियों को मजबूत करता है। मालिश और एक्यूप्रेशर थेरेपी से शरीर को आराम मिलती है।
सोया उत्पाद, अलसी के बीज और तिल में प्राकृतिक एस्ट्रोजेन है। यह हॉट फ्लैश को कम कर सकते हैं। ठंडा पानी पिएं और हल्के कपड़े पहनना चाहिए। दूध, पनीर, हरी सब्जियां और अंजीर खाना चाहिए। धूप में समय बिताकर विटामिन डी प्राप्त करना चाहिए। कैमोमाइल टी या ग्रीन टी पीने से राहत मिलती है। अश्वगंधा और ब्राह्मी जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां लाभदायक होती हैं। नारियल तेल या एलोवेरा जेल त्वचा को मॉइस्चराइज करता है। आंवला और मेथी बालों के झड़ने को कम करने में मदद करते हैं।
मीनोपॉज से जुड़ी सामान्य समस्याओं का इलाज गाइनोकॉलजिस्ट (Gynecologist) यानी स्त्री रोग विशेषज्ञ करते हैं। ये डॉक्टर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और हार्मोनल परिवर्तनों से जुड़ी सभी समस्याओं का निदान और इलाज करते हैं।
फेलिक्स हॉस्पिटल में अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं:
अगर आपको मीनोपॉज से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो रही है, तो जल्द से जल्द फेलिक्स हॉस्पिटल के स्त्री रोग विभाग से संपर्क करें और सही इलाज करवाएं। समय पर उपचार से आपकी सेहत और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह के लिए यहां क्लिक करें या इस नंबर पर संपर्क करें +91 9667064100।
मीनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसके लक्षण महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। सही आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधनसे इसके प्रभावों को नियंत्रित कर सकते हैं। हार्मोनल और गैर-हार्मोनल उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करने से महिलाएं इस चरण को अधिक सहजता से पार करता हैं। अगर मीनोपॉज के लक्षण गंभीर हैं, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। जिससे सही उपचार और देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
सवाल 1. मीनोपॉज क्या है और यह कब होता है ?
उत्तरः मीनोपॉज वह अवस्था है जब महिला के मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं। 45-55 वर्ष की उम्र में यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण होती है।
सवाल 2. मीनोपॉज के आम लक्षण क्या हैं ?
उत्तरः हॉट फ्लैश, रात में पसीना, मूड स्विंग, अनिद्रा, योनि शुष्कता, हड्डियों की कमजोरी और वजन बढ़ना मीनोपॉज के मुख्य लक्षण होते हैं।
सवाल 3. क्या मीनोपॉज के लक्षणों का इलाज संभव है ?
उत्तरः हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी), जीवनशैली सुधार, योग, सही आहार, और कुछ दवाओं से लक्षणों को प्रबंधित कर सकते है।
सवाल 4. क्या मीनोपॉज के बाद हड्डियां कमजोर हो जाती हैं ?
उत्तरः एस्ट्रोजन की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की कमजोरी का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम, विटामिन डी और वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज से इसे नियंत्रित कर सकते हैं।
सवाल 5. क्या मीनोपॉज के बाद भी स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है ?
उत्तरः संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और सही देखभाल अपनाकर मीनोपॉज के बाद भी स्वस्थ और सक्रिय जीवन में मदद मिलती है।